बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

इंजीनियरस की परेशानी.......(सत्यम शिवम)

कहता हूँ मै इक ऐसी कहानी.
इंजीनियरस की परेशानी,
इक इंजीनियर की जुबानी।

कहने को तो कुछ दिन में अब,
मै भी इंजीनियर कहलाऊँगा,
टेक्नोलाजी और साफटवेयरस के ही,
गीत सबको सुनाऊँगा,

पर दर्द का ये किस्सा पुराना,
डिग्री के वास्ते खत्म हुई है मेरी जवानी।

पूरे कविता को पढ़ने हेतु इस लिंक पर जाये.....

3 टिप्पणियाँ:

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

@@डिग्री के वास्ते खत्म हुई है मेरी जवानी?????

शिव शंकर ने कहा…

सत्यम् जी पुरी कविता प्रकाशित करे तो कविता का मजा आये पढने में लिंक से जाकर पढना अच्छा नहीं लगता ।
अच्छी कविता, आभार।

हरीश सिंह ने कहा…

sach kaha shiv bhai........ BREAK KE BAD... kuchh achchha nahi lagta.......

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