आपके सामने पेश हैं आज कुछ मुख़्तलिफ़ अशआर :
जग के आगे रोना क्या सहराओं में बोना क्या
दिल को दिल से दिल से निस्बत है पीतल चाँदी सोना क्या
-डा. ज़ुबैर फ़ारूक़
तुझे इक कहानी सुनाई थी कोई जुर्म मैंने किया नहीं
तेरा रंग कैसे बदल गया तेरा नाम तक तो लिया नहीं
इक जिस्म जो दिखा है कटे सर के सामने
अपना गवाह खुद है सितमगर के सामने
हाथ ख़ाली जो गया है मेरे दरवाज़े से
उस सवाली ने मेरे घर का भरम तोड़ा है
नुमाइशे जमाल है कि मुफ़लिसी से जंग है
तुम्हारे जिस्म पर लिबास चुस्त है कि तंग है
ये नए मिज़ाज के लोग हैं तुझे इसका कोई पता नहीं
यहाँ लूट लेते हैं राहबर कोई राहज़न से लुटा नहीं
अलीगढ़ की इब्ने सीना एकेडमी में पद्मश्री प्रोफ़ैसर हकीम ज़िल्लुर-रहमान की अध्यक्षता में कल एक मुशायरे का आयोजन हुआ। जश्ने ज़ुबैर के नाम से इस मुशायरे का आयोजन UAE से तशरीफ़ लाए जनाब डा. ज़ुबैर फ़ारूक़ के सम्मान में किया गया जो कि एक अरब शायर हैं और उर्दू में काव्य संग्रह तैयार करने वाले पहले अरब शायर हैं । इसके अलावा उनके 40 काव्य संग्रह हैं ।
ख़याले तर्के मुहब्बत कभी नहीं करना
हुज़ूर ऐसी हिमाक़त कभी नहीं करना
नोट : जो शब्द समझ में न आए आप उसे पूछ सकते हैं ।
सोमवार, 28 फ़रवरी 2011
उर्दू में काव्य ग्रंथ रचने वाले अरब शायर के सम्मान में एक मुशायरे का आयोजन भारत में
2/28/2011 11:47:00 am
DR. ANWER JAMAL
2 comments
2 टिप्पणियाँ:
अच्छी सायरियां हें पढ़ के अच्छा लगा आशा हें कि आप और सायरियां को पेश करेंगे
अनवर भाई १९९४ में मेरे यहाँ एक कवी सम्मलेन और मुशायरा का आयोजन श्री इन्द्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कालेज के प्रबंधक अजित सिंह ने कराया था......... जिसमे सुम्बुल फैजानी ने एक ग़ज़ल सुनाई थी.
" जाने किस बात की वो मुझको सजा देता है. मेरी हंसती हुयी आँखों को रुला देता है,,
मैं देखूंगी तुझे मांग के उससे एक दिन, लोग कहते है की मांगो तो खुदा देता है.. "
यह ग़ज़ल हमें इतनी पसंद हुयी की आजतक याद है..
हमारे यहाँ हर वर्ष बृहद मुशायरे का आयोजन होता है...मुशायरा हमें बहुत पसंद है. हमारे यहाँ कुछ ऐसे शायर है जो देश के कोने कोने तक अपनी आवाज़ बिखेर चुके है.. ऐसे ही हर क्षेत्र में शायर व कवि मौजूद है........ हमारी इच्छा है की लोग अपने अपने क्षेत्र के ऐसी शख्सियतो के बारे में जानकारी ले और उनकी एक रचना के साथ उनके बारे में लिखे इससे ब्लागिंग के क्षेत्र में एक नई परम्परा कायम होगी.... हमारा निवेदन है की मेरा यह सन्देश बड़े भाई होने के नाते आप लोंगो को पोस्ट लगाकर दे... यदि आप सहमत हो तब..
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