रविवार, 27 फ़रवरी 2011

पैगाम जब से पीया के आने का मिला


Ankleshwar
323—02-11


पैगाम जब से
पीया के आने का
मिला
चेहरा दमकने लगा
मन नाचने लगा
दिल प्रेम गीत गाने
लगा
खुशी से धड़कने
लगा
जुबान से लब्ज नहीं
निकल रहे
चेहरे के भाव
ज़माने को बता रहे
अब पीया से मिलन
होगा
निरंतर विछोह ख़त्म
होगा

डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

2 टिप्पणियाँ:

shyam gupta ने कहा…

यार कुछ तो लय,सुर ताल मिलाओ...

हरीश सिंह ने कहा…

dr. sahab shabdo nahi bhavo par dhyan de. ha ha ha ....
achchha prayas...

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